🏥 15 अगस्त से शुरू होगा उत्तराखंड का पहला सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज: प्रमुख सचिव संयुक्ता समद्दार ने किया निरीक्षण
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📅 13 जुलाई 2025 | स्थान: हरिद्वार, उत्तराखंड
✍️ प्रधान विंग टीम
उत्तराखंड के युवाओं और यूनानी चिकित्सा के समर्थकों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण अब नज़दीक आ रहा है। राज्य सरकार द्वारा हरिद्वार के ज्वालापुर में स्थापित किया गया यूनानी मेडिकल कॉलेज, वर्षों की प्रतीक्षा और बाधाओं के बाद आखिरकार 15 अगस्त 2025 को छात्रों के लिए अपने द्वार खोलने जा रहा है।
इसकी घोषणा राज्य की स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. संयुक्ता समद्दार ने स्वयं कॉलेज परिसर का निरीक्षण करने के बाद की।
🔎 पृष्ठभूमि: वर्षों से लंबित था यह प्रोजेक्ट
यूनानी चिकित्सा एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, जो आज भी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय है। लेकिन उत्तराखंड जैसे राज्य में इसकी उच्च शिक्षा के लिए कोई सरकारी संस्थान उपलब्ध नहीं था। यह कॉलेज कई सालों से प्रस्तावित था, लेकिन बजट, अनुमति, और निर्माण से संबंधित कारणों से बार-बार अटकता रहा।
अब शासन और आयुष मंत्रालय की प्राथमिकता में आने के बाद इस प्रोजेक्ट को तेज़ी से पूरा किया गया।
🏛️ निरीक्षण की मुख्य बातें:
12 जुलाई को प्रमुख सचिव डॉ. संयुक्ता समद्दार ने टीम के साथ कॉलेज परिसर का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने निम्नलिखित बातों पर ज़ोर दिया:
🔹 भवन की स्ट्रक्चरल गुणवत्ता
🔹 क्लासरूम, प्रयोगशालाएं, और लाइब्रेरी की उपलब्धता
🔹 हॉस्पिटल यूनिट की कार्यप्रणाली
🔹 फैकल्टी और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति स्थिति
🔹 छात्रों के लिए हॉस्टल, कैफेटेरिया, और अन्य मूलभूत सुविधाएं
👉 उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि 31 जुलाई तक सभी कार्य जैसे उपकरण, फर्नीचर, और फैकल्टी की भर्ती पूर्ण कर ली जाए, ताकि 15 अगस्त से कक्षाएं शुरू हो सकें।
🧑⚕️ कॉलेज में क्या होगा खास?
सुविधाएं विवरण
🎓 पाठ्यक्रम BUMS (Bachelor of Unani Medicine & Surgery) - 60 सीटें
🏥 अस्पताल 50 बेड का यूनानी हॉस्पिटल संलग्न
📚 लाइब्रेरी यूनानी ग्रंथों और आधुनिक मेडिकल पुस्तकों का संग्रह
🧪 प्रयोगशालाएं फार्माकोलॉजी, एनाटॉमी, हर्बल मेडिसिन, फिजियोलॉजी आदि
🏡 हॉस्टल छात्र-छात्राओं के लिए अलग भवन
👩🏫 शिक्षक अनुभवी यूनानी डॉक्टर्स एवं शोधकर्ता फैकल्टी
📝 🔔 एडमिशन प्रक्रिया (Admission Process)
हरिद्वार यूनानी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए छात्रों को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
✅ योग्यता (Eligibility Criteria):
- अभ्यर्थी को 10+2 (इंटरमीडिएट) परीक्षा भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान (PCB) विषयों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- न्यूनतम 50% अंक (OBC/ST/SC को 5% की छूट)।
- NEET (UG) में योग्य रैंक होना अनिवार्य है।
📄 चयन प्रक्रिया:
NEET UG स्कोर के आधार पर उत्तराखंड आयुष काउंसलिंग (UAPMT या AACCC portal) के ज़रिए केंद्रीयकृत काउंसलिंग होगी।
मेरिट के आधार पर कॉलेज में सीटें आवंटित की जाएंगी।
📅 महत्वपूर्ण तिथियाँ (संभावित):
प्रक्रिया तिथि
NEET UG रिजल्ट जुलाई 2025
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जुलाई-अंत से अगस्त प्रथम सप्ताह
काउंसलिंग/सीट अलॉटमेंट अगस्त 2025
कक्षा आरंभ 15 अगस्त 2025
🎓 सीटों की संख्या (Number of Seats):
कोर्स कुल सीटें आरक्षण (अनुमानित)
BUMS (बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी) 60 सीटें सामान्य: 30, OBC: 16, SC/ST: 12, EWS: 2 (राज्य नीति अनुसार)
💰 फीस संरचना (Fee Structure):
यह यूनानी मेडिकल कॉलेज सरकारी संस्थान है, इसलिए इसकी फीस प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में काफी कम और सस्ती होगी।
विवरण वार्षिक शुल्क
ट्यूशन फीस ₹ 30,000 – ₹ 45,000 (सरकारी दरें)
हॉस्टल शुल्क ₹ 8,000 – ₹ 12,000 प्रतिवर्ष
लाइब्रेरी/प्रयोगशाला ₹ 3,000 – ₹ 5,000
यूनिफॉर्म/आईडी कार्ड आदि ₹ 1,000 – ₹ 2,000
कुल अनुमानित वार्षिक खर्च ₹ 45,000 – ₹ 60,000
> नोट: सटीक फीस संरचना प्रवेश सूचना बुलेटिन/कॉलेज वेबसाइट पर जारी की जाएगी।
🎯 छात्रवृत्ति (Scholarship):
राज्य सरकार की योजनाओं के तहत SC/ST/OBC/EWS छात्रों को शैक्षणिक छात्रवृत्ति (Scholarship) भी मिलेगी, जिससे उनकी फीस में राहत दी जा सकती है।
📌 निष्कर्ष (Updated)
हरिद्वार यूनानी मेडिकल कॉलेज, अब उत्तराखंड के विद्यार्थियों के लिए चिकित्सा क्षेत्र में एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करेगा। कम फीस, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सरकारी मान्यता इसे राज्य का अग्रणी यूनानी संस्थान बना सकती है।
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🌿 यूनानी चिकित्सा और इसकी आवश्यकता
यूनानी पद्धति एक प्राकृतिक, हर्बल और संतुलन आधारित चिकित्सा पद्धति है जो शरीर के चार तत्वों — बलगम, रक्त, पित्त, और स्याह पित्त (सफरा) — को संतुलित करने पर केंद्रित होती है।
उत्तराखंड जैसे हर्बल संसाधनों से भरपूर राज्य में यूनानी चिकित्सा का विकास न केवल स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक और शोध क्षेत्र में भी योगदान देगा।
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🗣️ स्थानीय जनता और छात्रों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों और छात्रों ने इसे "उम्मीद की किरण" बताया।
रुड़की की छात्रा सना खान ने कहा:
> “मैं यूनानी मेडिसिन पढ़ना चाहती थी, लेकिन हरिद्वार में कॉलेज नहीं था। अब अपने ही जिले में सरकारी यूनानी कॉलेज मिलना गर्व की बात है।"
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🏗️ राज्य सरकार की मंशा: आयुष पद्धतियों को मिलेगी नई उड़ान
मुख्यमंत्री कार्यालय और आयुष मंत्रालय की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य में आयुर्वेद, योग, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (AYUSH) पद्धतियों को एक समान प्राथमिकता दी जाएगी।
भविष्य में ऐसे कॉलेजों की संख्या और यूनानी चिकित्सालयों में दवाओं की उपलब्धता भी बढ़ाई जाएगी।
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📌 निष्कर्ष
हरिद्वार में यूनानी मेडिकल कॉलेज की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगा, बल्कि यूनानी चिकित्सा को वैज्ञानिक ढंग से आगे बढ़ाने में भी मदद करेगा। उत्तराखंड की परंपरा, जड़ी-बूटियों का खजाना, और यूनानी पद्धति अब एक नए युग में प्रवेश करने जा रहे हैं।
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📢 आपकी क्या राय है यूनानी चिकित्सा पर? क्या आप अपने बच्चों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहेंगे? नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।
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