कब न्यूरोलॉजिस्ट और कब साइकोलॉजिस्ट?
मरीज़-अनुकूल गाइड
लक्षण-आधारित सही डॉक्टर चुनें और इलाज तेज़ करें
1. न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें शरीर-केंद्रित
चेतावनी-लक्षण | सम्भावित कारण | देरी का ख़तरा |
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अचानक, तेज़ सिर-दर्द + धुँधलापन | स्ट्रोक / ब्रेन हेमरेज | स्थायी पक्षघात |
हाथ-पैर सुन्न होना | स्ट्रोक / नस में दबाव | चलने-फिरने में स्थायी कमी |
दौरे (Seizure) | मिर्गी / ब्रेन-इंजरी | चोट, याददाश्त हानि |
लड़खड़ाहट, हाथ कांपना | पार्किंसन, सेरेबेलर रोग | बार-बार गिरना |
क्या उम्मीद करें?
- MRI, CT-स्कैन, EEG जैसी जाँचें
- दवाएँ + रीहैब, ज़रूरत पड़े तो सर्जरी
- इमरजेंसी लक्षणों पर तुरन्त अस्पताल जाएँ
2. साइकोलॉजिस्ट से मिलें मन-केंद्रित
लक्षण | सम्भावित मानसिक कारण | आपात सीमा |
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तीन-सप्ताह से ज़्यादा उदासी | डिप्रेशन | आत्महत्या के विचार |
बार-बार पैनिक अटैक | एंग्ज़ायटी / फोबिया | साँस उखड़ना |
ध्यान न लगना, Burn-out | अत्यधिक तनाव | लत का विकास |
हादसे के बाद बुरे सपने | PTSD | ख़ुद को नुक़सान |
क्या उम्मीद करें?
- विस्तृत इंटरव्यू और मनोवैज्ञानिक टेस्ट
- CBT, ग्रुप-थेरेपी, फैमिली-थेरेपी
- दवाएँ चाहिए हों तो मनोचिकित्सक रेफ़रल
3. दोनों विशेषज्ञ कब ज़रूरी?
- मिर्गी + डिप्रेशन – दौरे रोकने के साथ मनोवैज्ञानिक सपोर्ट
- सिर-चोट + PTSD – न्यूरो निगरानी + ट्रॉमा-थेरेपी
- पार्किंसन + उदासी – दवा-थेरेपी समन्वय
4. तुरंत अस्पताल जाएँ ⚠️
- चेहरा या एक-तरफ़ा शरीर सुन्न / ढीला
- बोलने-समझने में अचानक दिक़्क़त
- पहली बार भयंकर सिर-दर्द
- लगातार दौरे, होश न आए
- आत्महत्या, हिंसक विचार
सहूलियत के लिए टिप: पहले अपने फ़ैमिली-डॉक्टर से मिलकर आधारभूत जाँच करा लें, वे सही विशेषज्ञ के पास शीघ्र रेफ़र कर देंगे।