वाराणसी के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा एचआईवी संक्रमण: तीन महीने में मिले 56 नए मरीज
उत्तर प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी से एक चिंताजनक खबर सामने आ रही है। यहां के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में पिछले तीन महीनों में एचआईवी के 56 नए मरीज सामने आए हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इन मामलों में युवाओं की संख्या अधिक है, जो संकेत देता है कि जागरूकता और सतर्कता की सख्त जरूरत है।
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तीन महीने में मिले 56 मरीज, युवाओं में सबसे ज्यादा केस
दीनदयाल अस्पताल स्थित आईसीटीसी (इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) में की गई रिपोर्टिंग के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 के बीच 56 नए मरीज एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। इनमें से अधिकांश 20 से 35 साल की उम्र के हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में बिना सुरक्षित संबंध, नशे का सेवन, और जागरूकता की कमी के चलते संक्रमण की दर बढ़ रही है। कई बार लोग संक्रमित होते हैं लेकिन लक्षण देर से दिखते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।
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क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी?
आईसीटीसी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अब लोग खुद आगे बढ़कर टेस्ट कराने लगे हैं, जो अच्छी बात है, लेकिन संक्रमण की संख्या यह बताती है कि अभी भी सुरक्षित यौन संबंध और नियमित जांच को लेकर जागरूकता नहीं है।
डॉक्टरों के अनुसार, प्रिवेंटिव काउंसलिंग और व्यवहार में बदलाव से एचआईवी को रोका जा सकता है। इसके अलावा, समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज की जीवन गुणवत्ता बेहतर रह सकती है।
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एचआईवी क्या है?
एचआईवी (HIV) का पूरा नाम है ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस। यह वायरस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है और व्यक्ति को एड्स (AIDS) जैसी गंभीर बीमारी की ओर ले जाता है।
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एचआईवी कैसे फैलता है?
- एचआईवी संक्रमण निम्नलिखित कारणों से फैल सकता है:
- असुरक्षित यौन संबंध (बिना कंडोम के)
- संक्रमित रक्त का चढ़ाया जाना
- संक्रमित सुई या इंजेक्शन का इस्तेमाल
- संक्रमित मां से बच्चे को जन्म के समय या स्तनपान के दौरान
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एचआईवी के लक्षण क्या हैं?
शुरुआती लक्षण मामूली होते हैं, जैसे:
- बुखार
- कमजोरी
- वजन घटना
- गले में सूजन
- त्वचा पर चकत्ते
धीरे-धीरे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती जाती है और अन्य बीमारियां शरीर पर हावी होने लगती हैं।
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एचआईवी का इलाज क्या है?
एचआईवी का अब तक कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी (ART) के जरिए मरीज की जिंदगी को लंबा और सामान्य बनाया जा सकता है। यह दवाएं वायरस को बढ़ने से रोकती हैं और रोगी को स्वस्थ रखती हैं।
सरकारी अस्पतालों में यह दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
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एचआईवी से बचाव कैसे करें?
- हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाएं (कंडोम का प्रयोग करें)
- एक ही पार्टनर के साथ संबंध बनाना बेहतर है
- ब्लड ट्रांसफ्यूजन से पहले रक्त की जांच कराना जरूरी है
- सुई और इंजेक्शन हमेशा नए और साफ इस्तेमाल करें
- नशे से दूर रहें
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निष्कर्ष
वाराणसी जैसे शहर में एचआईवी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ना सामाजिक चेतावनी है। युवाओं को इस विषय पर खुलकर बात करनी चाहिए, टेस्ट कराने में झिझक नहीं रखनी चाहिए और समय पर जांच और इलाज से ही हम इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं। जागरूकता, सावधानी और सहानुभूति ही इस लड़ाई के सबसे मजबूत हथियार हैं।
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अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी तरह की चिंता में हैं, तो पास के ICTC सेंटर या अस्पताल से संपर्क करें और गोपनीय तरीके से जा
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